जय माँ वैष्णो देवी
विष्णु जी कि आज्ञा पाकर मुनिवर जी ने माँ लक्ष्मी माँ सरस्वती और माँ अम्बे का आवाहन किया और तीनो शक्तियो ने मिलकर अपनी शक्ति से एक नई शक्ति उत्पन कि और फिर माँ ने मुनिवर जी आज्ञा पाकर भगवान् विष्णु जी के पास गई और विष्णु जी ने अपना अंश प्रदान करके माँ को शेरावाली वैष्णो देवी का नाम दिया और काहा जाओ पाप का नाश करके पुण्य का प्रकाश फैलाओ ....और फिर माँ शेरावाली ने दैत्य राज का संहार किया ओर उसके बाद विष्णु जी ने काहा माँ को अब तुम दक्षिण दिशा की ओर जाओ और राजा रत्नाकर की पुत्री के रूप में जन्म लेकर धर्म की ध्वजा फैलाओ ....
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