इस जगह की स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी

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सुंदर लाल स्मारक, धूपप, कोटव, विजेथा, देवलोक और लोहरामऊ यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं। गोमती नदी के तट पर स्थित इस जगह को कुशपुर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इस जगह की स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी। इस जिले का मुख्यालय सुल्तानपुर शहर है। सुल्तानपुर 12वीं शताब्दी में मुस्लिम शासकों के अधीन था। यह जिला फैजाबाद जिले के उत्तर, प्रतापगढ् जिले के दक्षिण, अजमगढ़ जिला, अम्बेडकर जिला तथा जौनपुर जिले के पूर्व और बाराबंकी जिला, रायबरेली जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है।
क्या देखें
सुंदर लाल मेमोरियल हॉल
: सुंदर लाल मेमोरियल हॉल सुल्तानपुर जिले के क्रिस्ट चर्च के दक्षिणी दिशा की ओर स्थित है। इसका निर्माण महारानी विक्टोरिया की याद में उनकी पहली जयन्ती पर करवाया गया था। वर्तमान समय में इसे विक्टोरिया मंजिल के नाम से जाना जाता है। लेकिन अब इस जगह पर म्युनसिपल बोर्ड का कार्यालय है।
विजेथा: सुल्तानपुर स्थित विजेथा भगवान हनुमान को समर्पित मंदिर है। माना जाता है कि इस जगह पर हनुमान ने कलनेमी दानव का वध किया था। लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिए जब हनुमान संजीवनी बूटी लेने के लिए गए थे, तो रावण द्वारा भेजे गए कलनेमी दानव ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया था। उस समय हनुमान जी ने कलनेमी दानव का वध किया था।
कोटव: यह एक धार्मिक स्थल है। कोटव को कोटव धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है। मंदिर में भगवान शिव की सफेद संगमरमर से बनी खूबसूरत प्रतिमा स्थित है। यहां मंदिर के समीप पर ही एक खूबसूरत सरोवर स्थित है। प्रत्येक वर्ष अक्टूबर और अप्रैल माह में यहां मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान काफी संख्या में भक्त इस सरोवर में स्नान करने के लिए आते हैं। 
धूपप: सुल्तानपुर जिले स्थित धूपप यहां के प्रमुख स्थलों में से है। माना जाता है कि यह वहीं स्थान है जहां भगवान श्री राम ने महर्षि वशिष्ठ के आदेशानुसार इस नदी में स्नान किया था। स्थानीय लोगों का मानना है कि जो भी व्यक्ति दशहरे के दिन यहां स्नान करता है उसके सभी पाप गोमती नदी में धूल जाते हैं। यहां एक विशाल मंदिर भी है। काफी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में पूजा के लिए आते हैं।
लोहरमऊ: यह जगह सुल्तानपुर शहर से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लोहरमऊ यहां के प्रमुख स्थलों में से है। इस जगह पर देवी दुर्गा का विशाल मंदिर स्थित है।
कोइरीपुर: यहां पर श्री हनुमानजी, भगवान राम और सीता, भगवान शंकर के काफी मंदिर है। इन मंदिरों का निर्माण स्थानीय लोगों ने मिलकर करवाया था। पूर्णिमा पर बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में काफी संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं।
सतथिन शरीफ: प्रत्येक वर्ष यहां दस दिन के उर्स का आयोजन किया जाता है। शाह अब्दुल लातिफ और उनके समकालीन बाबा मदारी शाह उस समय के प्रसिद्ध फकीर थे। यहां गोमती नदी के तट पर शाह अब्दुल लातिफ की समाधि स्थित है।
कहां ठहरें
होटल विजयी
लोकेशन
: लाल दिग्गी,
सुल्तानपुर।
दूरभाष: 223092
मोहिनी गेस्ट हॉउस
लोकेशन
: बस स्टैंड रोड,
सुल्तानपुर।
दूरभाष: 240008
होटल पुष्पांजली
लोकेशन
: बरईयाबीर,
सुल्तानपुर।
दूरभाष: 224550
गार्डन व्‍यू गेस्ट हाऊस
लोकेशन
: 1162, सिरवारा रोड़,
सुल्तानपुर।
दूरभाष: 221399
गौरव गेस्ट हाऊस
लोकेशन
: रूद्र नगर,
सुल्तानपुर।
दूरभाष: 221399
कैसे जाएं
वायु मार्ग
: सबसे निकटतम हवाई अड्डा अम्हट, सुल्तानपुर है। एयरपोर्ट से सुल्तानपुर शहर पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग: सुल्तानपुर रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। नई दिल्ली, मुम्बई, हावड़ा और आस-पास के शहर आदि से एक्सप्रेस रलगाड़ी नियमित रूप से यहां के चलती है।
सड़क मार्ग: सड़कमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से सुल्तानपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 56 द्वारा लखनऊ, वाराणसी और इलाहाबाद आदि से सुल्तानपुर पहुंचा जा सकता है।
विभिन्न शहरों से दूरी
लखनऊ
: 141 किलोमीटर
वाराणसी: 180 किलोमीटर
इलाहाबाद: 96 किलोमीटर
एक नजर में
राज्य
: उत्तर प्रदेश
क्षेत्रफल: 4436 वर्ग किलोमीटर
भाषा: अवधी
एसटीडी कोड: 05362
घूमने का समय: नवम्बर से फरवरी


ajay

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